संदेश

कारक के भेद एवं चिह्न

चित्र
 

श्रीमद्भगवद्गीता : विश्व - कल्याण का एकमात्र मार्ग!

चित्र
श्रीमद्भगव द् गीता जयंती पर विशेष : - 25 दिसंबर 2020// मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी // मोक्षदा एकादशी                                                               ज्योत्स्ना मण्डल  महर्षि वेदव्यास ने सम्पूर्ण जगत को ‘ महाभारत ’ जैसा अप्रतिम ग्रन्थ दिया । इसमें   अठारह अध्याय हैं, जिनको पर्व कहा जाता है । इनमें से एक पर्व है - भीष्म पर्व,  श्रीमद्भगवद्गीता इसी पर्व से लिया गया है । इसको संक्षिप्त रूप से ‘ गीता ’ भी कहा जाता है । गीता में कुल अठारह अध्याय हैं । अठारह अध्यायों में कुल श्लोकों की संख्या 700 है । इनमें से 574 श्रीकृष्ण के द्वारा, अर्जुन के द्वारा 85, संजय के द्वारा 40 और धृतराष्ट्र के द्वारा मात्र 01 श्लोक बोला गया है । गीता को वेदों, उपनिषदों और ब्रह्मसूत्र का सार यानि कि संक्षिप्त रूप  कहा जाता है। अगर आप सभी वेदों को पढ़ने का समय नहीं निकाल पा रहे, तो सिर्फ गीता ...

धातुपदों से मूल धातु की पहचान // लकार // पुरुष // वचन //

चित्र
धातुपदों  में से धातु की पहचान कैसे की जानी चाहिये , इसके बारे में यहां बताया गया है | इसकी मदद से मूल धातु की पहचान करना आसान हो जायेगा |आप इसे देखकर अन्य पदों का भी अभ्यास कर सकते हैं |  

संस्कृत // अव्यय पद // अर्थ //

चित्र
अव्यय पद किसी भी विभक्ति, वचन, पुरुष, लिङ्ग या लकार में बदलते नहीं हैं | इनके न बदलने की प्रवृत्ति के कारण ही इनको अव्यय पद कहते हैं| संस्कृत के कुछ अव्यय पदों का उदाहरण यहां पर दिया गया है| अंग्रेजी में ऐसे पदों को  Indeclinable या  Inflexible कहते हैं |  

सुबन्त-तिड्. प्रत्यय

चित्र

सदैव पुरतो निधेहि चरणम् // Sadaiv Purato Nidhehi Charanam// Class- 8 San...

चित्र