संस्कृत सीखो ..super modern बनो!




One of the greatest thinkers Sri Aurobindo writes that, “Sanskrit language is the most magnificent, the most perfect, the most prominent and wonderfully sufficient literary instrument developed by the human mind.”

संस्कृत सीखकर क्या होगा? इसमें career options क्या हैं? जैसे सवाल पुराने हो गए। संस्कृत मृत भाषा (dead language) है! जैसी धारणा भी पुरानी हो चुकी है। संस्कृत को हेय दृष्टि से देखना out dated हो चुका है। अब समय है संस्कृत को अपने जीवन में अपनाने का! जरा सोचो बाईबिल पढने वाले अंग्रेजी जानते हैं। कुरान पढने वाले उर्दू जानते हैं। तुम्हें संस्कृत नहीं आती तो अपने धर्म ग्रन्थों को कैसे पढोगे? अपने धर्मग्रन्थों को नहीं पढोगे तो वैचारिक समृद्धि कहाँ से आयेगी? विचार ही नहीं होंगे तो संस्कार कहाँ से आयेगा? संस्कार नहीं होंगे तो अपना जीवन उन्नत कैसे बनाओगे? समाज पतन के गर्त में गिरता चला जायेगा। और फिर हमारे पास बचेगा क्या?

Swami vivekanand once wrote, “The very sound of Sanskrit gives prestige and power and strength to mankind.”

आज तो विदेशों में भी संस्कृत का बोलबाला है।  अकेले जर्मनी में चौदह universities हैं जहाँ संस्कृत की पढाई होती है। अगर super modern बनना चाहते हो तो संस्कृत सीख लो! संस्कृत सिर्फ़ भाषा मात्र नहीं अपितु जीवन जीने की कला है! संस्कृत जीवनशास्त्र है!  कोई भी एक महाकाव्य उठाकर देख लो जीवन के कई प्रश्नों का हल मिल जाता है। श्रीमद्भगवद् गीता पढी है कभी? उठाकर देख लो। जीवन में कभी कोई समस्या ही नही बचेगी। जीवन की दिशा ही बदल जायेगी। सोचने का तरीका बदल जायेगा। जीवन जीने का नजरिया बदल जायेगा। इस संसार को देखने की दृष्टि ही बदल जायेगी। कभी counselling की कोई आवश्यकता ही नहीं पडेगी।

इस संसार में मिलने वाली कोई ऐसी विधा नहीं जो संस्कृत में न मिले। सुभाषितानि सीखो तो जीवन संस्कारमय हो जाता है। जिह्वा शुद्ध हो जाती है। उच्चारण साफ हो जाता है। संस्कृत हमें अपनी गौरवशाली भारतीय संस्कृति के करीब ले जाती है।  वही भारतीय संस्कृति जो हमारे जीवन में भावना और बुद्धि का समन्वय निर्माण करती है। वह मानव को केवल अपने आप तक सीमित नहीं रखकर समग्र मानव जाति पर प्रेम करना सिखाती है। ऐसी सीख तक पहुँचने का रास्ता है संस्कृत का ज्ञान! संस्कृत में ज्ञान का अथाह भण्डार भरा पडा है। जरुरत है तो इसे पढकर अपने जीवन में उतारने की!
जयतु संस्कृतम्! जयतु भारतम्!

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